दिनांक 30 दिसम्बर 2020 को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के शिक्षा महाविद्यालय में एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक था – नई शिक्षा नीति 2020-पेविंग वे टू ट्राॅस्फोरमेशन रिर्फोमस । परम आदरणीय कुलाधीपति महोदय के आर्शीवाद से एवं कुलपति के आर्शिवचनो से कार्यक्रम का प्रारम्भ हुआ। उनका इस विषय में वक्तव्य था उच्च शिक्षा में समानता एवं गुणवत्ता को समावेशित करके शिक्षा में विकास संभव है। यह भारत की शिक्षा नीति है जिसे भारत सरकार द्वार 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया। सन् 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला परिवर्तन है। शिक्षण के माध्यम के रुप में पहली से पांचवी तक मातृ-भाषा का इस्तेमाल किया जायेगा। इससे रट्टा विद्या को खत्म करने की कोशिश की गई है।
मुख्य वक्ता के रुप में प्रो0 शिरिष पाल सिंह, महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा में कार्यरत हैं। उनका कहना था कि देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये भारतीय उच्च शिक्षा परिषद नामक एक एकल नियामक की परिकल्पना की गई है।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की विश्वविद्यालय समन्वयक डा0 मालविका काण्डपाल, ने नई शिक्षा नीति की गुणवत्ता के बारे में अवगत कराया, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 कृतिमा उपाध्याय, संकायाध्यक्ष काॅलेज आॅफ एजुकेशन, ने नई शिक्षा नीति में शिक्षा-शिक्षक की भूमिका के बारे में नये आयामों की चर्चा की। कार्यक्रम की संयोजिका, डा0 बलबीर कौर, प्रो0 आनन्द कुमार, प्रो0 सुरेश चन्द पचैरी ने भी इस सम्बन्ध में अपने सुझाव प्रस्तुत किये।
अंत में कार्यक्रम समापन धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।